Monday, April 30, 2012

2001 की जनगणना के अनुसार देश में 1.19 लाख गांवों और 7.80 करोड़ घरों में बिजली नहीं थी। जनसंख्या का एक बड़ा भाग अंधकार में जीवन बसर कर रहा था। इस पृष्ठभूमि में सभी गांवों और बस्तियों के विद्युतीकरण, सभी ग्रामीण परिवारों तक बिजली की पहुंच मुहैया कराने और गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को निःशुल्क बिजली कनेक्शन मुहैया कराने के उद्देश्य के साथ आरजीजीवीवाई की शुरुआत हुई...

2001 की जनगणना के अनुसार देश में 1.19 लाख गांवों और 7.80 करोड़ घरों में बिजली नहीं थी। जनसंख्या का एक बड़ा भाग अंधकार में जीवन बसर कर रहा था। इस पृष्ठभूमि में सभी गांवों और बस्तियों के विद्युतीकरण, सभी ग्रामीण परिवारों तक बिजली की पहुंच मुहैया कराने और गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को निःशुल्क बिजली कनेक्शन मुहैया कराने के उद्देश्य के साथ आरजीजीवीवाई की शुरुआत हुई।
राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (आरजीजीवीवाई) के अंतर्गत देश भर में 1.10 लाख विद्युतरहित गांवों के विद्युतीकरण और आंशिक रुप से विद्युतीकृत 3,48,987 गांवों के गहन विद्युतीकरण के लिए लक्षित 576 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इसके अतिरिक्त आरजीजीवीवाई के द्वितीय चरण के तहत 33 जिलों में तैंतीस परियोजनाओं को भी मंजूरी दी गई है साथ ही द्वितीय चरण में छत्तीस अनुपूरक परियोजनाओं को भी मंजूरी प्रदान की गई है। 22 मार्च 2012 तक 1,03,611 गांवो के विद्युतीकरण और गरीबी रेखा से नीचे के 1.91 करोड़ परिवारों को निःशुल्क बिजली उपलब्ध कराकर भारत निर्माण के निर्धारित लक्ष्य से आगे तक पहुंचा जा चुका है। भारत निर्माण के तहत उन एक लाख विद्युतरहित गांवों के विद्युतीकरण और गरीबी रेखा से नीचे के 1.75 करोड परिवारों को निःशुल्क बिजली कनेक्शन प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे के विद्युत रहित परिवारों के विद्युतीकरण के अलावा कुटीर ज्योति कार्यक्रम के अनुसार गरीबी रेखा से ऊपर के परिवारों के लिए भी प्रावधान है जो अपने घर के लिए कनेक्शन प्राप्त करने हेतु प्रस्तावित कनेक्शन शुल्क का भुगतान कर सकते हैं। नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय उन सुदूर विद्युत रहित गांवों और विद्युतीकृत गांवों की विद्युतरहित इलाकों के प्रकाशायन/बुनियादी विद्युतीकरण के लिए सुदूर ग्रामीण विद्युतीकरण कार्यक्रम का क्रियान्वयन कर रही है जहां राज्य सरकारों के लिए ग्रिड विस्तारण मुमकिन नहीं है अथवा जो आरजीजीवीवाई के तहत नहीं आते।

इस योजना की क्रियान्वयन प्रक्रिया में शुरुआती आधार पर निष्पादन के लिए जिला आधारित विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करना शामिल है। इसके पश्चात केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम इसके कार्यान्वयन में शामिल हैं। विद्युतीकृत गांवों के प्रमाणन में ग्राम पंचायत शामिल है।
आरजीजीवीवाई के तहत विद्युतरहित सार्वजनिक स्थानों जैसे- स्कूलों, पंचायत कार्यालयों, सामुदायिक/ स्वास्थ्य देखभाल केन्द्रों, औषधालयों आदि में भी विद्युत कनेक्शन प्रदान किया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली प्रदान करने का अर्थ है इन क्षेत्रों का पूर्ण रूपेण विकास जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं, कंप्यूटराइजेशन, दूरसंचार, भूमि रिकॉर्डों की ऑनलाइन पहुंच और कृषि में नवीन तकनीक की सुगमता शामिल है। इसके अलावा बिजली की पंहुच से खादी और ग्रामोद्योग उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।

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