Thursday, July 12, 2012

वर्ष 2011 में विश्‍व जनसंख्‍या 7 बिलियन को पार करने का अनुमान था। यूएनएफपीए (युक्‍त राष्‍ट्र जनसंख्‍या कोष) और इसके सहयोगियों ने इसी दिन एक अभियान चलाया जिसे नाम दिया गया ''7 बिलियन एक्‍सन्‍स’’। वर्ष 2011 के मध्‍य तक नवीनतम आकड़ों के मुताबिक विश्‍व जनसंख्‍या 6,928,198,253 होने का अनुमान था।

 1987 में 5 बिलियन लोगों ने 11 जुलाई को विश्‍व जनसंख्‍या दिवस के रूप में प्रतिष्ठित करने का निर्णय लिया था। अब 20 साल से अधिक समय से यह दिन जनसंख्‍या के रूख तथा इससे संबंधित मुद्दों के महत्‍व को दर्शाने का अवसर बन गया है। विचार-विमर्शों तथा चर्चाओं के माध्‍यम से इसके प्रति सजगता व्‍यक्‍त की जाती है। इस दिवस ने वार्षिक महत्‍व ग्रहण कर लिया है। वर्ष 2011 में विश्‍व जनसंख्‍या 7 बिलियन को पार करने का अनुमान था। यूएनएफपीए (युक्‍त राष्‍ट्र जनसंख्‍या कोष) और इसके सहयोगियों ने इसी दिन एक अभियान चलाया जिसे नाम दिया गया ''7 बिलियन एक्‍सन्‍स’’। वर्ष 2011 के मध्‍य तक नवीनतम आकड़ों के मुताबिक विश्‍व जनसंख्‍या 6,928,198,253 होने का अनुमान था।

मुख्‍य चिंता जनसंख्‍या को स्थिर करना है। जनसंख्‍या स्थिरता केवल संख्‍या न होकर संतुलित विकास है। इसे वृहद सामाजिक-आर्थिक विकास के परिप्रेक्ष्‍य में देखा जाना चाहिए। जरूरी नहीं कि स्थिरता की यह प्रक्रिया 2045 तक पूरी हो जाए, इसे 2050 या 2060 तक भी पूरा किया जा सकता है। सबसे बड़ी चिंता यह है कि हम जनसंख्‍या स्थिरता के मुद्दे तक कैसे पहुंचे।
     हर कोई जनसंख्‍या स्थिरता को लेकर चिंतित है क्‍योंकि इसके साक्ष्‍य मौजूद हैं कि महिलाएं अधिक बच्‍चे नहीं चाहती हैं। परिवार को सीमित करना अब उनकी प्राथमिकता है। वह अपने परिवेश में मौजूद परिस्थितियों से अपने आप को सशक्‍त बना रही हैं। वह चा‍हती हैं कि उनके बच्‍चे जीवित रहें और अच्‍छा करें। साथ ही परिवार नियोजन के तरीके तथा प्रजनन संबंधी स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाएं भी उन्‍हें आसानी से मिलें। ये सब सुविधाएं उनकी निजता और मर्यादा को बनाए रख कर ही प्राप्‍त हों। उनकी आय में वृद्धि के उपाय किये जाएं तथा आय पर उनका नियंत्रण सुनिश्चित किया जाए जिससे काफी तब्‍दीली आएगी।
 विश्‍व रिपोर्ट में पश्चिम अफ्रीकी देश नाईजर का उल्‍लेख किया गया है जहां पिछले 30 वर्षों में जीवन की प्रत्‍याशा बढ़ी है लेकिन प्रत्‍येक 20 वर्षों में इसकी जनसंख्‍या दुगनी हुई है। वर्ष 2050 तक इसकी कुल प्रजनन दर (टीएफआर) में 3.9 प्रतिशत की गिरावट आएगी जो एक सकारात्‍मक रूख को दर्शाता है। वर्ष 2050 तक जनसंख्‍या 15.5 से बढ़कर 55.5 मिलियन हो जाएगी। भविष्‍य में नाईजर में भी जनसंख्‍या वृद्धि खाद्य और आवश्‍यक वस्‍तुओं के उत्‍पादन से अधिक होने की संभावना है।

रिपोर्ट के अंत में यह चेतावनी दी गई है कि : ''पृ‍थ्‍वी पर इतनी अधिक जनसंख्‍या कभी नहीं थी। इसकी खपत का  स्‍तर अप्रत्‍याशित है और पर्यावरण में काफी बड़े परिवर्तन भी हो रहे हैं। हमें यह चुनना होगा कि हम संसाधनों का समतामूलक उपयोग करें या इस बारे में कुछ भी न करें और ऐसा करते हुए हम आर्थिक और पर्यावरण की उत्‍तरोत्‍तर बढ़ती समस्‍याओं की गर्त में समाकर, अधिक असमान और असह्य भविष्‍य की ओर बढ़ते चले जाएं’’। 

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