Thursday, March 8, 2012

साफ्टवेयर प्रौद्योगिकी पार्क

देश से साफ्टवेयर निर्यात को बढ़ावा देने के लिए 1991 में सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत स्वायतशासी सोसायटी के रूप में, भारत में, साफ्टवेयर प्रौद्योगिकी पार्क स्थापित किए गए। एसटीपीआई द्वारा साफ्टवेयर निर्यात समुदाय को प्रदान की गई सेवाएं सांविधिक स्वकरूप की रही हैं और इनमें अनिवार्य सेवाओं के अलावा डेटा कम्युनिकेशन सर्वर, इनक्यूबेशन सुविधाएं, प्रशिक्षण और मूल्यवर्धित सेवाएं सम्मिलित हैं। एसटीपीआई ने एसएमई पर विशेष बल देते हुए यूनिटों को आरंभ करने में सॉफ्टवेयर निर्यात के संवर्धन के संदर्भ में प्रमुख विकासात्मक भूमिका अदा की है। एसटीपी योजना साफ्टवेयर उद्योग के संवर्धन के संदर्भ में अत्यधिक सफल सिद्ध हुई है। पिछले कुछ वर्षों में एसटीपी इकाइयों द्वारा किया गया निर्यात कई गुना बढ़ गया है। आज अर्थात 2008-09 के दौरान एसटीपीआई की पंजीकृत यूनिट द्वारा किया गया निर्यात भारतीय रुपये में 215571 करोड़ है जो हमारे देश के कुल सॉफ्टवेयर निर्यात का लगभग 90 प्रतिशत है।
एसटीपीआई योजना की पहचान सूचना प्रौद्योगिकी तथा आईटीईएस निर्यात के संवर्धन हेतु एक सर्वाधिक प्रभावकारी योजना के रूप में की गई है। कार्यक्रम के आरंभ होने से अब तक जो 51 एसटीपीआई केंद्र स्थापित किए गए हैं उनसे सूचना प्रौद्योगिकी एवं आईटीईएस निर्यात को बहुत बढ़ावा मिला है। पूंजीगत साजो-सामान के लिए सीमा शुल्क में उपलब्ध छूट (कुछ अपवादों को छोड़कर) के अलावा सेवा कर, सीमा शुल्क एवं केंंदीय बिक्री कर की अदायगी में भी छूट दी गई है। तथापि, निर्यात से प्राप्त होने वाले लाभ पर आय कर में शत-प्रतिशत की छूट सर्वाधिक महत्वपूर्ण प्रोत्साहन है, जिसे 31 मार्च 2011 तक बढ़ा दिया गया है। इस योजना की शक्ति मुख्यत: इस तथ्य पर निर्भर है कि यह वास्तव में एक ऐसी वास्तविक योजना है जिससे सॉफ्टवेयर कंपनियों को सर्वाधिक सुविधाजनक एवं सबसे सस्ते स्थानों पर अपने क्रियाकलाप चलाने में सुगमता होती है और वे अपने निवेश को भली प्रकार सुनियोजित कर सकते हैं तथा इस व्यापार में आवश्यकता के अनुसार धन निवेश कर सकते हैं। एसटीपी योजना एक पूर्णत: भारतीय योजना है जिसके केंद्र पूरे भारत में फैले हुए हैं और एसटीपी योजना के अंतर्गत 8000 से अधिक इकाइयां पंजीकृत हैं।

एसटीपी योजना के लाभ

एसटीपी योजना के अंतर्गत निम्नलिखित लाभ उपलब्ध हैं :
आय कर अधिनियम की धारा 10क और 10ख के अंतर्गत 31.3.2011 तक आय कर में लाभ
घरेलू खरीद पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में छूट.
फार्म C पर घरेलू खरीद किए जाने पर केंद्रीय बिक्री कर की प्रतिपूर्ति
सैकंड हैंड या पुराने उपकरणों सहित सभी संबंधित उपकरणों/माल का आयात किया जा सकता है (प्रतिबंधित मदों को छोड़कर)
उपकरणों को उधार/पट्टे पर भी आयात किया जा सकता है।
स्वचालित रूट से 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है।
स्वीाकृत निर्यात के एफओबी मान के 50 प्रतिशत तक डीटीए की बिक्री की जा सकती है।
कुछ शर्तों सहित आयात किए गए कम्प्यूटरों का अनुप्रयोग प्रशिक्षण के लिए भी किया जा सकता है।
कम्प्यूटरों पर पांच वर्ष या इससे अधिक समय के बाद शत-प्रतिशत मूल्य ह्रास की अनुमति है।
कम्प्यूटरों को उपयोग के 2 वर्ष के पश्चात बिना किसी शुल्क की अदायगी के मान्यता प्राप्त गैर-वाणिज्यिक शैक्षणिक संस्थाओं/अस्पतालों को दान किया जा सकता है।
निर्यात से प्राप्त होने वाली राशि 12 महीनों के अंदर वसूली जा सकती है।
इकाइयों को निर्यात से हुई शत-प्रतिशत आय को ईईएफसी खाते में रखने की अनुमति दी गई है।

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