Monday, April 30, 2012

इस वर्ष 7 अप्रैल को विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य दिवस मनाया गया, जो बढ़़ती आयु एवं स्‍वास्‍थ्‍य पर आधारित था। इसकी विषयवस्‍तु गुड हैल्‍थ ऐड्स लाइफ टू इयर्स थी। अधिकतर देशों में जीवन बढ़ रहा है। इसका मतलब यह है कि वहां लोग अब ज्‍यादा दिनों तक जिंदा रहते हैं और वह एक ऐसी उम्र में पहुंच रहे हैं, जहां उन्‍हें स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं की सर्वाधिक आवश्‍यकता होती है...

इस वर्ष 7 अप्रैल को विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य दिवस मनाया गया, जो बढ़़ती आयु एवं स्‍वास्‍थ्‍य पर आधारित था। इसकी विषयवस्‍तु गुड हैल्‍थ ऐड्स लाइफ टू इयर्स थी। अधिकतर देशों में जीवन बढ़ रहा है। इसका मतलब यह है कि वहां लोग अब ज्‍यादा दिनों तक जिंदा रहते हैं और वह एक ऐसी उम्र में पहुंच रहे हैं, जहां उन्‍हें स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं की सर्वाधिक आवश्‍यकता होती है।
मानवीय विकास और ह्रास को हम शैशवकाल, बाल्‍यकाल, युवावस्‍था, प्रौढ़ावस्‍था और वृद्धावस्‍था के रूप में जानते हैं। शैशवकाल सात वर्षों का, बाल्‍यकाल 14 वर्षों का, युवावस्‍था 21, प्रौढ़ावस्‍था 50 वर्ष तक होती है। इसके बाद वृद्धावस्‍था का आगमन होता है। जीवन को दो महत्‍वपूर्ण घटक प्रभावित करते हैं, जिनमें आनुवांशिकता और पर्यावरण शामिल हैं। पर्यावरण की परिस्थितियां जीवन को रोगों आदि के रूप में प्रभावित करती हैं।

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के अनुसार एक बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य प्रणाली के लिए यह आवश्‍यक है कि वह ठोस निर्णयों एवं नीतियों पर आधारित हो, उसकी वित्‍तीय व्‍यवस्‍था मजबूत हो और बेहतरीन चिकित्‍सकीय व्‍यवस्‍था बनाई गई हो।

देश की अर्थव्‍यवस्‍था में स्‍वास्‍थ्‍य सुविधा का महत्‍वपूर्ण स्‍थान है। 2008 में तमाम विकसित देशों में सकल घरेलू उत्‍पाद का औसतन नौ प्रतिशत स्‍वास्‍थ्‍य सुविधा उद्योग पर खर्च किया गया था। अमरीका में इस मद में सकल घरेलू उत्‍पाद का 16 प्रतिशत, फ्रांस में 11.2 प्रतिशत और स्विट्जरलैंड में 10.7 प्रतिशत खर्च किए जाते हैं।

सामान्‍य वृद्धावस्‍था को तय करना बहुत कठिन काम है, क्‍योंकि एक तरफ जहां शारीरिक बदलाव होते रहते हैं, तो दूसरी तरफ बुढ़ापे की वजह से पुराने रोग सिर उठाने लगते हैं। रोगों से मुक्‍त वृद्धावस्‍था की कल्‍पना करना बहुत कठिन है और इसीलिए यह कहा जाता है कि 'वृद्धावस्‍था स्‍वयं एक रोग है'.

कुछ बीमारियां ऐसी हैं, जो वृद्धावस्‍था में ज्‍यादा पैदा होती हैं, जैसे मधुमेह, कैंसर, हृदय रोग और किडनी संबंधी रोग। यह बीमारियां शरीर के विभिन्‍न भागों जैसे किडनी, मस्तिष्‍क और हृदय को प्रभावित करती हैं।

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